Bhajanlal government’s new scheme 2025 राजस्थान में भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं की समीक्षा की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस कदम का सीधा असर राज्य के 91 लाख से ज्यादा पेंशनधारियों पर पड़ सकता है। सरकार अब यह जांच करने जा रही है कि जिन लोगों को सामाजिक पेंशन मिल रही है, वे वास्तव में इसके पात्र हैं या नहीं।
इस योजना के तहत अब पेंशन पाने वालों के बिजली बिल की भी समीक्षा की जाएगी। जिन लाभार्थियों का बिजली खर्च सरकार द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक पाया जाएगा, उन्हें पेंशन योजना से बाहर किया जा सकता है। इसका मतलब है कि यदि किसी व्यक्ति का बिजली बिल यह संकेत देता है कि उसकी आय सीमा से अधिक है, तो उसकी पेंशन रोकी जा सकती है।
किन योजनाओं पर असर पड़ेगा?
Bhajanlal government’s new scheme 2025 यह जांच मुख्य रूप से तीन प्रमुख योजनाओं को प्रभावित कर सकती है:
- वृद्धावस्था पेंशन योजना – 60 वर्ष से अधिक उम्र के जरूरतमंद बुजुर्गों के लिए।
- एकल नारी पेंशन योजना – विधवा, तलाकशुदा या परित्यक्ता महिलाओं के लिए।
- विशेष योग्यजन पेंशन योजना – दिव्यांग व्यक्तियों के लिए।
सरकार का तर्क है कि कई लोग जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं, वे गलत तरीके से पेंशन का लाभ ले रहे हैं। नई समीक्षा योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पेंशन केवल उन लोगों तक ही पहुंचे जिन्हें इसकी वास्तव में जरूरत है।
विपक्ष और आम जनता की प्रतिक्रिया:
Bhajanlal government’s new scheme 2025 इस निर्णय पर विपक्षी दलों और आम जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है। कुछ लोग इसे सरकार की एक कठोर नीति बता रहे हैं, जिससे गरीब और जरूरतमंद लोग मुश्किल में पड़ सकते हैं। वहीं सरकार का कहना है कि इससे पेंशन वितरण अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत होगा।
क्या यह कदम सही है?
यह योजना एक ओर सरकार को फालतू खर्च से बचा सकती है, लेकिन दूसरी ओर इसका क्रियान्वयन यदि सही तरीके से नहीं हुआ तो उन लोगों को नुकसान होगा जिन्हें वास्तव में पेंशन की जरूरत है। यह भी जरूरी है कि समीक्षा प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो, जिससे कोई निर्दोष व्यक्ति योजना से वंचित न रह जाए।