राजस्थान में स्कूल सिलेबस में बड़ा बदलाव –जयपुर। प्रदेश में स्कूली शिक्षा को और अधिक प्रभावशाली व राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप बनाने के लिए राजस्थान सरकार ने पाठ्यक्रम में बड़े बदलाव की तैयारी कर ली है। यह बदलाव तीन चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में पहली से पांचवीं कक्षा तक के सिलेबस को बदला जाएगा, जो सत्र 2025-26 से लागू होगा। इसके बाद छठी से नौवीं और 11वीं कक्षा का सिलेबस सत्र 2026-27 से बदला जाएगा, जबकि तीसरे और अंतिम चरण में 10वीं और 12वीं कक्षा का पाठ्यक्रम सत्र 2027-28 से बदलेगा।
शिक्षा में बड़ा सुधार: 2025-26 से 5वीं तक बदलेगा स्कूलों का सिलेबस
राजस्थान में स्कूल सिलेबस में बड़ा बदलाव – पहली से पांचवीं कक्षा के लिए नया पाठ्यक्रम राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (RSCRT) उदयपुर द्वारा तैयार कर लिया गया है। अब इस प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी का इंतजार है। जैसे ही सरकार से स्वीकृति मिलेगी, इसे राजस्थान पाठ्यपुस्तक मंडल को भेजा जाएगा और फिर किताबों की छपाई की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
यह नया सिलेबस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF) 2023 और NCERT द्वारा प्रस्तावित बदलावों के अनुरूप तैयार किया गया है। पहली से आठवीं कक्षा तक का सिलेबस RSCRT तैयार करता है, जबकि नौवीं से 12वीं कक्षा तक का पाठ्यक्रम माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान बनाता है।
राजस्थान में तीन चरणों में बदलेगा स्कूल सिलेबस,
राजस्थान में स्कूल सिलेबस में बड़ा बदलाव – शिक्षा विभाग ने पाठ्यक्रम में बदलाव की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए बोर्ड के सचिव और RSCRT के निदेशक को पत्र लिखकर 15 मई से 31 अक्टूबर 2025 तक का विस्तृत एक्शन प्लान मांगा है।

राज्य सरकार ने पाठ्यक्रम समीक्षा के लिए एक समिति का भी गठन किया है। इस समिति के अध्यक्ष वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा के कुलपति प्रो. कैलाश सोढाणी हैं। समिति में शिक्षाविद् हनुमान सिंह राठौड़ उपाध्यक्ष और डी. रामाकृष्ण राव सलाहकार सदस्य के रूप में शामिल हैं। शिक्षा मंत्री के विशेषाधिकारी सतीश कुमार गुप्ता, पूर्व कुलपति प्रो. प्रमेंद्र कुमार दशोरा, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष भारत राम कुमार, शिक्षाविद् श्याम सुंदर बिस्सा, जयंतीलाल खंडेलवाल और सेवानिवृत्त आईपीएस कन्हैयालाल बेरीवाल को भी समिति का सदस्य बनाया गया है।
5वीं तक नए पाठ्यक्रम की शुरुआत
हालांकि यह समिति दिसंबर 2024 में गठित की गई थी और एक महीने में रिपोर्ट देने का लक्ष्य था, लेकिन सिलेबस समीक्षा की रफ्तार धीमी रही है। पहले कहा गया था कि पाठ्यक्रम में 30% तक बदलाव होगा, लेकिन वर्तमान में केवल पांचवीं कक्षा तक के सिलेबस को ही अंतिम रूप दिया जा सका है।
राज्य सरकार की मंजूरी के बाद ही शेष प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। इस पूरी कवायद का उद्देश्य छात्रों को अधिक समकालीन, उपयोगी और अवधारणात्मक शिक्षा प्रदान करना है, जिससे वे भविष्य की चुनौतियों के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकें।